Vastu Shastra – Ancient Vedic Science Of Living | Miracle Vastu

राम मंदिर: भारत के लिए क्यों जरूरी है?

राम जन्म भूमि के विवाद को सुलझाने में 3 दशक लग गए, राम मंदिर भूमि पूजा को कुछ दिन ही रह गए हैं और अयोघ्या में काफी उत्साह है, हलाकि राम एक राजा थे फिर भी आज उनकी पूजा क्यों की जाती है, मैं ये समझना चाहता हूं कि आज के समय में राम कैसे महत्तवपूर्ण हैं।

आप राम कह रहे हैं, हम जहां से हैं हम उन्हें रामा कहते हैं तो हम उस “आ” को नहीं छोड़ेंगे अगर कोई भूल जाए कि मैं दक्षिण भारत क्योंकि मेरे नाम देखकर कुछ लोग सोचते हैं कि मैं पंजाबी हूँ, नाम और मेरे बाल दोनों से उन्हें लगता है कि मैं जरूर पंजाबी हूँ, नहीं नहीं हम उन्हें रामा कहते हैं, मैं और तमिलनाडु में और नीचे जाकर उन्हें रामन नहीं कहूंगा फिर लोग भ्रमित हो जाएंगे शायद उन्हें लगे कि मैं उनसे किसी और की बात कर रहा हूँ।

भारतीय संस्कृति की विशेषता

रामा, देखिए संस्कृति की सुंदरता यही है कि यहां कोई “द गॉड” नहीं है, कुछ गुण हैं जिन्हें हम “दैवीय शक्तियाँ” बोलते हैं, अगर किसी इंसान में वो दिखते हैं तो हम उनके आगे सिर झुकाते हैं क्योंकि हम गुण के आगे सिर झुका रहे हैं उस इंसान के आगे नहीं यह ऐसी चीज है जिसे दुनिया के ज्यादातर लोग नहीं समझ पाएंगे क्योंकि वे बहुत कट्टर धर्मों से जुड़े रहे हैं भगवान क्या है, शैतान क्या है, आदमी क्या है, औरत क्या है, हर चीज की समष्टि की परिभाषा है भारत में किसी चीज की परिभाषा नहीं है।

मैंने आपको अपने मसाले के बारे में बताया है सब कुछ ऐसा ही है हमेशा विकास हो रहा है हमेशा चीजें हो रही हैं इसमें काफी जीवन और ऊर्जा खर्च होती है कि आप खुद को अव्यवस्थित रहे और भीर भी आप एक दिशा की ओर बड़े, मगर ये तारों के समूह या ये मधुमक्खियों के झुंड की तरह है ऐसा लगता है कि वो कहीं नहीं जा रही है मगर वो हमेशा कहीं जा रही होती है, उन्हें पता है कि वो कहा जा रही है लेकिन किसी बाहरी दर्शक को ऐसा लगता है कि वो कहीं नहीं जा रही।

अयोध्या राम मंदिर

आपको ये समझना होगा राम या रामा वो अयोध्या के हैं जहां मंदिर का निर्माण हो रहा है क्योंकि वो उनकी जन्म भूमि है वो मंदिर कुछ हजार साल पुराना है कोई नहीं जानता कि पहला मंदिर किस युग में बना था फिर विकास हुए हजारों सालों में विकास के काम हुए लेकिन करीब पांचसो साल पहले उसे तोड़ दिया गया व्यवस्थित ढंग से ढेर सारे मंदिरों को थोड़ा गया जिनके ऊपर दूसरे धार्मिक स्थान बनाए गए उसी निर्माण सामग्री से इसे थोड़ो और उससे कुछ और बना दो तो राम के एक आदर्श होने के कारण आपको ये समझना होगा कि वो एक आदर्श है भगवान नहीं क्योंकि हमने उन्हें भगवान नहीं कहा।

मर्यादा पुरुषोत्तम राम

हमने उन्हें मर्यादा पुरुष, मर्यादा पुरुषोत्तम कहा। मर्यादा पुरुषोत्तम का अर्थ है एक उच्चतम स्तर का पुरुष पुरुषोत्तम शब्द का मतलब ही है एक उच्चतम स्तर का पुरुष राम को हमेशा पुरुषोत्तम कहा जाता है इसका अर्थ है सभी पुरुषों में वो सबसे ऊपर हैं क्योंकि वो एक उच्चस्तर के हैं उनमें उच्च स्तर की क्या चीज है वो कई परीक्षाओं और दुःखों से होकर गुजरे लेकिन मुसीबतों का सिलसिला है उनका जीवन मुसीबतों की गठरी है वो अपना राज्य खो देते हैं अपनी पत्नी खो देते हैं वापस आते हैं फिर से अपनी पत्नी को खो देते हैं अपने बच्चों को खो देते हैं अपने बच्चों को लगभग मार ही देते हैं अनंत मुसीबतें इन सबसे वो शांति से आनंद से होकर गुजरे दर्द था लेकिन फिर भी आनंद के साथ एक उच्चस्तर पर व्यक्तिगत स्तर पर उन्हें काफी दर्द है जिससे वो व्यक्त करते हैं लेकिन वो कभी उस दर्द को किसी उस चीज के बारे में फैसला नहीं करने देते जिससे वो कर रहे हैं तो जब कोई इंसान इस तरह से पेश आता है तो हम उसे पुरुषोत्तम कहते हैं वो पुरुषों के बीच उस उच्चस्तर के है ये बहुत महत्वपूर्ण है कि वो एक इंसान है उनका जन्म अयोध्या में हुआ और एक खास उम्र में उनकी मृत्यु हो गई उनका जीवन एक खास उद्देश्य के लिए हुआ, देशभर में गए और फिर वापस उत्तर गए अपने दुश्मनों को मारने के बाद |

रावण

जिस आदमी ने उनकी पत्नी का अपहरण किया था और जो निर्दयता से राज कर रहा था उसे मारने के बाद उन्होंने वो वापस आते हैं और एक साल तक पश्चाताप करते हैं तो उनके भाई ने पूछा क्या आप पागल हैं वो सबसे बुरा आदमी था उसे मारना जरूरी था और अब आप पश्चाताप कर रहे हैं इसका क्या मतलब है क्या हम सब ने बुरा किया है तो राम ने कहा देखो इस रावण के बारे में बहुत सी बुरी चीजें हैं लेकिन वो एक महान भक्त था और वो अपना राज्य बहुत अच्छे से चलाता था उसने बाकी हर किसी का शोषण किया जिससे मुझे उसे मारना पड़ा लेकिन वो एक महान भक्त था उसके लिए मैं पछतावा कर रहा हूं कि मैंने एक भक्त को मारा 

तो इस व्यक्ति का अनुसरण करना जरूरी है और ये महत्वपूर्ण है कि वो एक इंसान है और अगर वो भगवान बन जाते हैं तो आप उन्हें दीवार पर लटका देंगे और भूल जाएंगे | कोई कभी किसी भगवान का अनुसरण नहीं करता आपको यह बात समझानी होगी भगवान यानी वो अनुसरण से परे हैं इंसानों को यही लगता है अगर कोई इंसान वास्तव में अच्छा वर्ताव कर रहा है तो स्वाभाविक रूप से हर व्यक्ति की चाहत होती है कि मैं ऐसा क्यों नहीं बन सकता तो ये बहुत जयादा महत्वपूर्ण है कि वो एक इंसान है वो एक राजा थे उन्होंने अपना राज्य खो दिया और फिर वापस लौटे अपने राज्य की शान शौकत छोड़ कर चले गए सिर्फ इसलिए चले गए कि कोई और दुखी था उनकी सौतेली माँ थोड़ी दुखी थी और उनके पीठ पीछे थोड़ी नाराज़गी जाहिर कर रही थी वो बोले अगर आप यही चाहती हैं तो मैं चला जाता हूं इस आदमी का अनुसरण करना ही चाहिए जब आज कल लोग सत्ता से चिपके हुए हैं जाना नहीं चाहते तो ऐसे समय में राम का अनुसरण करना बहुत बहुत जरूरी है।

अयोध्या का राम मंदिर

तो ये मंदिर क्यों महत्वपूर्ण है? मंदिर महत्वपूर्ण है क्योंकि काफी हद तक देश के उत्तरी भाग में दक्षिण में उतना नहीं है, यहाँ भी है पर उतना नहीं है। लेकिन उत्तर में राम उनकी आत्मा है। पांच सौ साल पहले जब तुर्की से विदेशी हमलावर और बाद में कुछ मंगोलिया से भी वे आए और उन्होंने एक-एक करके सभी मंदिरों को तोड़ डाला, यह बहुत समय बना एक प्राचीन मंदिर था जो उस समाज के लिए बुनियादी ताकत था। उन्होंने उसे तोड़ कर उसके ऊपर जल्दबाज़ी में अपनी मनचाही चीज़ बना दी।

अयोध्या राम मंदिर विवाद क्या है

अयोध्या राम मंदिर विवाद धधकता रहा है, ये विवाद अदालत में लगभग 135 सालों से है। अंग्रेज़ों के जमाने से ये अदालत में था और चलता ही जा रहा था। क्योंकि दुर्भाग्य से इस देश में हमने किसी भी कीमत पर राजनीतिक रूप से सही होने की इच्छा बना ली है। कोई भी जज इस पर फैसला नहीं करना चाहता था।

हर कोई इसे आगे बढ़ाता रहा, ताकि उसका कार्यकाल खत्म हो और अगला जज इस मुसीबत से निपटे। क्योंकि दो समुदाय जमकर आपस में भीड़ रहे हैं कि ये किसकी संपत्ति है। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने लंबी प्रक्रिया के बाद ये मुकदमा करीब 3-4 दशकों से सुप्रीम कोर्ट में चल रहा था। अब सुप्रीम साफतौर पर एक निष्कर्ष पर पहुँचा है। सभी सबूतों को देखते हुए पुरातत्व को देखते हुए 100% ये बताते हैं कि वहाँ एक मंदिर था और उसे ध्वस्त करके वहाँ एक ईमारत बना दी गई। तो उन्होंने कहा कि यहाँ मंदिर बनना चाहिए। दूसरे समुदाय को उन्होंने दूसरे समुदाय को दूसरी ज़मीन दी जो 20 km के भीतर है, इन्हें अपनी जगह यहाँ बनाने दीजिए।

तो यह सिर्फ़ एक और मंदिर नहीं है, ये भारत की आत्मा को पुनर्जीवित करना है। बहुत से लोग हैं, बहुत से जो, दूसरे धर्मों के लोग हैं जो उनकी तरह बनना चाहते हैं, कई-कई रूपों में उनकी सराहना करते हैं। कई मायनों में रामायण राम के जीवन की कथा भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रही है। तो ये लगभग एक घायल राष्ट्रीय आत्मा को पुनर्जीवित करने जैसा है। तो ये एक अच्छी बात है कि ऐसा हो रहा है। 

बिना मतलब दूसरे समुदायों के खिलाफ नफ़रत जारी रहेगी। इस हाल के साथ बहुत से दिलों और दिमागों को ठंडक पहुँची है देश के भविष्य के लिए ये अच्छी बात है। वरना दो समुदायों के लिए लगातार बिना मतलब टकराव चल रहा था। ये एक बड़ी समस्या हल हो गई है। ये घटना एक मील का पत्थर है उन विवादों को हल करने के लिए जो व्यर्थ में लंबे समय तक चलते रहते हैं, बिना मतलब समाज में एक घाव की तरह पकते रहते हैं। मेरे ख्याल से इससे बहुत से लोगों को शांति मिलेगी।

राम का चरित्र वर्णन

श्री राम को एक आदर्श पुरुष के रूप में चित्रित किया गया है। उनमें सभी प्रकार के गुणों का समावेश है, जो उन्हें एक महान व्यक्ति बनाते हैं। उनकी करुणा, दया, क्षमा, सत्य, न्याय, सदाचार, साहस, धैर्य, और नेतृत्व के गुण सभी को प्रेरित करते हैं। वे न केवल एक अद्वितीय पुत्र, भाई, पति, राजा, और मित्र हैं, बल्कि उनका जीवन आदर्श भारतीय समाज के लिए एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शक है।
श्री राम की कहानी और उनके गुणों के माध्यम से हमें उनकी परंपरागत मूल्यों, समर्पण के भाव, और धर्म के प्रति सम्मान का महत्व समझाया जाता है। उनके जीवन और कृतियों में सच्चाई, संयम, और निष्ठा की प्रतिष्ठा है। रामायण महाकाव्य के माध्यम से, हम श्री राम के महान उदाहरणों को अपने जीवन में अनुसरण करने के लिए प्रेरित होते हैं। उनके गुणों का अनुसरण करके, हम समाज में अच्छाई, सच्चाई, और न्याय की प्रेरणा लेते हैं और एक सद्भावपूर्ण और समृद्ध समाज की दिशा में कदम बढ़ाते हैं।

निष्कर्ष

राम के ये गुण अपनी जनता की खुशहाली के लिए उनका समर्पण हसीन था। वे खुद की भी कुर्बानी देने को भी वो तैयार थे। इस बात की बहुत प्रशंसा की गई है रामायण के माध्यम से। तो मूल रूप से हर चीज़ के प्रति पूरा जुनून, खुद के प्रति पूरी अनाशक्ति वो इसी के प्रतीक है। हम सभी को इस गुण का अनुसरण करना चाहिए। इसलिए राम मंदिर हमारे लिए बहुत महत्तवपूर्ण है।

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